नई दिल्ली, मार्च 2025 – आधुनिक जीवनशैली में तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। मानसिक तनाव केवल हमारी भावनाओं को ही नहीं, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। कई बार लोग डिप्रेशन के कारण शारीरिक दर्द महसूस करने लगते हैं, जिसे “साइकोसॉमैटिक पेन” कहा जाता है।
डिप्रेशन के कारण शारीरिक दर्द क्यों होता है?
डिप्रेशन केवल मानसिक स्थिति नहीं है, बल्कि इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जब कोई व्यक्ति डिप्रेशन में होता है, तो उसके मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का स्तर कम हो जाता है। इससे शरीर की नर्व्स पर असर पड़ता है और दर्द की संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
डिप्रेशन से जुड़े सामान्य शारीरिक दर्द:
- सिरदर्द: तनाव और चिंता के कारण माइग्रेन और सिरदर्द की समस्या आम हो जाती है।
- पीठ और गर्दन का दर्द: लंबे समय तक बैठे रहने और मानसिक तनाव के कारण यह दर्द बढ़ सकता है।
- पेट की समस्या: डिप्रेशन के कारण गैस, एसिडिटी और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द: तनाव से मांसपेशियों में जकड़न आ सकती है, जिससे जोड़ों में दर्द महसूस होता है।
- थकान और कमजोरी: निरंतर मानसिक दबाव से शरीर कमजोर महसूस करता है और किसी भी काम में मन नहीं लगता।
डिप्रेशन और दर्द से कैसे बचें?
- योग और मेडिटेशन करें: रोजाना मेडिटेशन और गहरी सांस लेने से तनाव कम होता है।
- स्वस्थ आहार लें: विटामिन बी12 और ओमेगा-3 से भरपूर आहार लेने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
- नियमित व्यायाम करें: एक्सरसाइज से शरीर में एंडोर्फिन बढ़ता है, जो दर्द और तनाव को कम करता है।
- पर्याप्त नींद लें: अच्छी नींद से शरीर और दिमाग दोनों को आराम मिलता है।
- मनोवैज्ञानिक सहायता लें: यदि डिप्रेशन गंभीर हो, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।
डिप्रेशन और शारीरिक दर्द का गहरा संबंध होता है। यदि समय रहते इसका सही उपचार न किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकता है। मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना इस समस्या से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।