सिकंदर महान, जिन्हें अलेक्जेंडर द ग्रेट के नाम से भी जाना जाता है, एक महान योद्धा और विश्व विजेता थे जिन्होंने पूरी दुनिया को जीतने का सपना देखा था।
परिचय: –
उनका जन्म 20 जुलाई 356 ईसा पूर्व मैसेडोनिया के पेल्ला में हुआ था। उन्होंने अपने अल्पायु में ही विश्व के बड़े हिस्से पर विजय प्राप्त कर एक अपार साम्राज्य की स्थापना की।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: –
सिकंदर का पालन-पोषण एक शाही परिवार में हुआ। उनके पिता, फिलिप द्वितीय, मैसेडोनिया के राजा थे और उनकी माँ ओलंपियास एक शक्तिशाली महिला थीं। सिकंदर को महान दार्शनिक अरस्तू से शिक्षा प्राप्त हुई, जिससे उनकी बौद्धिक क्षमता और रणनीतिक सोच विकसित हुई।
सिकंदर की शिक्षा: –
सिकंदर ने अपनी आरंभिक शिक्षा अपने संबंधी दी स्टर्न लियोनीडास ऑफ़ एपिरुस से प्राप्त की थी। फिर किलिप ने सिकंदर को गणित, घुड़सवारी और धनुर्विध्या सिखाने के लिए नियुक्त किया था। सिकंदर के दूसरे शिक्षक लाईसिमेक्स थे, जिन्होंने सिकंदर के विद्रोही स्वभाव पर अपना काबू किया था।
सैन्य जीवन और विजय अभियान: –
सिकंदर महान ने अपनी पहली सैन्य कमान 16 वर्ष की आयु में संभाली और 20 वर्ष की उम्र में अपने पिता की हत्या के बाद मैसेडोनिया के राजा बने। उन्होंने ग्रीस, मिस्र, फारस और भारत तक अपने विजय अभियान चलाए। उनकी प्रमुख जीतों में ग्रेनिकस, इस्सस और गौगामेला की लड़ाईयाँ शामिल हैं।
भारत अभियान और पोरस से युद्ध: –
सिकंदर ने 326 ईसा पूर्व में भारत पर आक्रमण किया और राजा पोरस के साथ हाइडस्पेस (झेलम) नदी के किनारे भीषण युद्ध किया। पोरस की वीरता से प्रभावित होकर सिकंदर ने उन्हें उनकी सत्ता वापस सौंप दी और अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया।
मृत्यु और विरासत: –
सिकंदर की मृत्यु 323 ईसा पूर्व में बेबीलोन में हुई। उनकी मृत्यु का कारण अब भी विवादित है, लेकिन कुछ इतिहासकार इसे बीमारी और थकावट का परिणाम मानते हैं। सिकंदर ने एक विशाल साम्राज्य छोड़ा, जिसे उनकी मृत्यु के बाद उनके सेनापतियों ने विभाजित कर लिया।
सिकंदर महान न केवल एक योद्धा थे, बल्कि एक कुशल प्रशासक और रणनीतिकार भी थे। उनकी विजय यात्राएँ और युद्ध कौशल आज भी सैन्य इतिहास और नेतृत्व अध्ययन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वह विश्व इतिहास के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक माने जाते हैं।