नई दिल्ली: 2025 के मध्य तक आते-आते जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के प्रभाव से बाहर आने की कोशिश कर रही थी, उसी समय भारत में कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर से तेज़ बढ़ोतरी देखी जा रही है। हाल ही में सामने आए मामलों और नए वेरिएंट्स ने केंद्र और राज्य सरकारों को सतर्क कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इसे एक सावधानी भरा अलार्म बताया है, ना कि घबराहट का कारण।
भारत में कोविड-19 के नए मामलों में बढ़ोतरी क्यों?

2025 के अप्रैल और मई महीने में भारत में कोविड-19 के दैनिक मामलों की संख्या में धीरे-धीरे वृद्धि हुई है। इसके पीछे कई कारण माने जा रहे हैं:
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नया वेरिएंट – XBB.3:
यह नया वेरिएंट ओमिक्रॉन परिवार का हिस्सा है, लेकिन इसकी संक्रमण दर अधिक है। यह तेज़ी से एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है, हालांकि यह कम गंभीर लक्षण देता है। -
सावधानी में ढील:
लोगों ने मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना लगभग छोड़ दिया है। त्योहारों, चुनावी रैलियों और बड़े सामाजिक आयोजनों में भारी भीड़ देखी जा रही है। -
बूस्टर डोज़ की अनदेखी:
भारत में बड़ी संख्या में लोगों ने अभी तक बूस्टर डोज़ नहीं ली है। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई है।
वर्तमान स्थिति: किन राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं?

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित राज्य कोविड के मामलों में तेजी से वृद्धि देख रहे हैं:
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महाराष्ट्र: हर दिन 1,200 से अधिक नए केस
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केरल: 900 से अधिक दैनिक मामले
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दिल्ली: 800 तक दैनिक संक्रमण
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कर्नाटक और तमिलनाडु: 500 से ऊपर दैनिक केस
इन राज्यों में स्वास्थ्य तंत्र को अलर्ट पर रखा गया है और ICU बेड्स व ऑक्सीजन सप्लाई की समीक्षा शुरू हो गई है।
XBB.3 वेरिएंट क्या है?
XBB.3 एक नया सब-वेरिएंट है जो मूल ओमिक्रॉन स्ट्रेन से उत्पन्न हुआ है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह तेज़ी से फैलता है लेकिन गंभीर लक्षण नहीं देता।
सामान्य लक्षण:
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हल्का बुखार , गले में खराश , सिरदर्द , शरीर में दर्द , थकान , सूखी खांसी
विशेषज्ञों का कहना है कि पहले से टीका लगाए गए लोग इस वेरिएंट से संक्रमित तो हो सकते हैं, लेकिन उन्हें गंभीर बीमारी का खतरा कम है।
क्या स्थिति गंभीर है?

अब तक के आंकड़ों के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बहुत कम है। लगभग 95% से अधिक केस माइल्ड या एसिम्प्टोमैटिक हैं। हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगों से ग्रसित लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
सरकार की तैयारी और कदम
भारत सरकार और राज्यों ने मिलकर कोविड की स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए हैं:
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हवाई अड्डों और अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर्स पर रैंडम टेस्टिंग
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बूस्टर डोज़ के लिए नवीन अभियान
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ऑनलाइन कोविड हेल्पलाइन की फिर से शुरुआत
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शहरी और ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड किट्स की उपलब्धता
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मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को फिर से लागू करने की सिफारिश
नागरिकों के लिए सुझाव

स्वास्थ्य मंत्रालय ने आम नागरिकों से निम्नलिखित सावधानियां बरतने की अपील की है:
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भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें , हाथों की स्वच्छता बनाए रखें , लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं
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बूस्टर डोज़ लगवाना न भूलें , सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें
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2025 में भारत कोविड से काफी हद तक उबर चुका है, लेकिन नए वेरिएंट्स हमें यह याद दिला रहे हैं कि लापरवाही अभी भी घातक हो सकती है। सरकारें तैयार हैं, लेकिन आम जनता की जिम्मेदारी सबसे बड़ी है।
सतर्क रहें, सजग रहें — क्योंकि कोविड अभी पूरी तरह गया नहीं है।