भारतीय वायुसेना (IAF) दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना मानी जाती है। इसकी ताकत का मुख्य आधार हैं — भारतीय फाइटर जेट्स। ये उन्नत तकनीक से लैस लड़ाकू विमान न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं, बल्कि भारत की सामरिक शक्ति और रक्षा क्षमताओं को भी दर्शाते हैं।
2025 में भारत के पास एक ऐसा फाइटर जेट बेड़ा मौजूद है जो आधुनिक तकनीक, मारक क्षमता और मल्टी-रोल अभियानों में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। आइए जानते हैं भारतीय फाइटर जेट्स के बारे में विस्तार से — उनका इतिहास, वर्तमान स्थिति, प्रमुख विमान, और भविष्य की योजनाएं।
भारतीय फाइटर जेट्स का संक्षिप्त इतिहास

भारतीय वायुसेना की स्थापना 1932 में हुई थी, और तब से लेकर आज तक इसके पास विभिन्न देशों से आयातित तथा स्वदेशी विकसित किए गए लड़ाकू विमान शामिल होते रहे हैं। भारत ने ब्रिटिश दौर में Hawker Hurricane और Spitfire जैसे विमानों से शुरुआत की थी। स्वतंत्रता के बाद मिग-21 जैसे सोवियत लड़ाकू विमानों ने लंबे समय तक भारतीय वायुसेना की रीढ़ की भूमिका निभाई।
1999 के कारगिल युद्ध में फाइटर जेट्स, खासतौर पर मिराज 2000, ने अहम भूमिका निभाई। इसके बाद भारत ने अपने एयरफोर्स के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान देना शुरू किया।
वर्तमान में भारतीय वायुसेना के प्रमुख फाइटर जेट्स
1. Sukhoi Su-30MKI
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उत्पत्ति: रूस-भारत संयुक्त विकास , रोल: मल्टी-रोल फाइटर , संख्या: लगभग 270+
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विशेषताएं: सुपीरियर एयर डॉमिनेंस, लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम, ब्रह्मोस मिसाइल ले जाने की क्षमता।
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स्थिति: IAF का सबसे बड़ा और मुख्य फाइटर जेट।
2. Dassault Rafale
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उत्पत्ति: फ्रांस , संख्या: 36 (2022 तक डिलीवर हो चुके हैं)
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विशेषताएं: अत्याधुनिक एवियोनिक्स, स्टील्थ डिजाइन, BVR (Beyond Visual Range) मिसाइल सिस्टम
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उपयोग: स्पेशल ऑपरेशन और स्ट्रैटेजिक मिशनों के लिए
3. HAL Tejas (LCA)
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उत्पत्ति: भारत में विकसित (HAL द्वारा) , विशेषताएं: हल्का, सुपरसोनिक, मल्टी-रोल, डिजिटल फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम
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गौरव: भारत का पहला स्वदेशी फाइटर जेट
4. Mirage 2000
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उत्पत्ति: फ्रांस , प्रमुख भूमिका: कारगिल युद्ध में प्रभावशाली प्रदर्शन
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वर्तमान स्थिति: सीमित संख्या में उपयोग, अपग्रेडेड वर्जन सेवा में
5. MiG-29 UPG & MiG-21 Bison
- उत्पत्ति: रूस , स्थिति: MiG-29 अभी भी उपयोग में, MiG-21 को धीरे-धीरे रिटायर किया जा रहा है , चिंता: MiG-21 को लेकर कई दुर्घटनाएं हुई हैं
भविष्य की योजनाएं और आने वाले फाइटर जेट्स
1. HAL AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft)
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स्वदेशी 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट , विकास की स्थिति: 2026 तक पहली उड़ान की योजना , उद्देश्य: भारत को आत्मनिर्भर बनाना स्टील्थ तकनीक में
2. TEDBF (Twin Engine Deck Based Fighter)
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नौसेना के लिए बनाया जा रहा है , रोल: एयरक्राफ्ट कैरियर से टेकऑफ और लैंडिंग , विकास: DRDO और HAL के सहयोग से
3. Su-30 MKI का अपग्रेड वर्जन
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भारत “Super Sukhoi” प्रोग्राम के तहत Su-30MKI को अपग्रेड करने जा रहा है, जिसमें AESA रडार, इंजन सुधार, और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम शामिल होंगे।
4. नए विदेशी जेट्स की संभावनाएं
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IAF 114 नए मल्टी-रोल फाइटर जेट्स की खरीद पर विचार कर रहा है। इसमें Boeing F-15EX, Eurofighter Typhoon, Rafale-M और SAAB Gripen जैसे विकल्प शामिल हैं।
स्वदेशीकरण की दिशा में कदम
“Make in India” पहल के अंतर्गत भारत अब स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर अधिक ज़ोर दे रहा है। HAL Tejas इसका सफल उदाहरण है। AMCA और TEDBF जैसे प्रोजेक्ट्स से भारत न केवल आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय रक्षा बाजार में भी अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी कर रहा है।
भारत की सामरिक क्षमता में फाइटर जेट्स की भूमिका
भारतीय फाइटर जेट्स न केवल युद्ध की स्थिति में, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त, दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने, और आपदा की स्थिति में राहत कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक इसका स्पष्ट उदाहरण है, जहाँ मिराज 2000 ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।
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भारतीय फाइटर जेट्स सिर्फ रक्षा उपकरण नहीं हैं, बल्कि ये देश की संप्रभुता, सुरक्षा और तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं। वर्तमान में जहां Su-30MKI, Rafale और Tejas जैसे आधुनिक विमान देश की वायु सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, वहीं भविष्य में AMCA और TEDBF जैसे स्वदेशी जेट्स भारत को वैश्विक फाइटर जेट निर्माताओं की सूची में लाने की ओर अग्रसर हैं
