क्रिकेट में अंपायर का चयन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है, जिससे मैच निष्पक्ष और नियमों के अनुसार संचालित हो सके। अंपायर का काम मैदान पर निर्णय लेना, खेल को सुचारू रूप से चलाना और खिलाड़ियों को नियमों का पालन करवाना होता है। आइए जानते हैं कि एक क्रिकेट मैच के लिए अंपायर का चयन कैसे किया जाता है।
1. अंपायर के चयन की प्रक्रिया
अंपायर का चयन अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में अलग-अलग तरीकों से किया जाता है।
- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में: ICC (International Cricket Council) के अंपायर पैनल से अंपायरों का चयन किया जाता है।
- घरेलू क्रिकेट में: राष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड अपने अंपायरों की नियुक्ति करता है।
2. अंपायर बनने की योग्यता
- अंपायर बनने के लिए किसी मान्यता प्राप्त क्रिकेट बोर्ड या एसोसिएशन से प्रशिक्षण लेना आवश्यक होता है।
- अंपायर को क्रिकेट के सभी नियमों की गहरी समझ होनी चाहिए।
- फिटनेस और मानसिक मजबूती भी अंपायर बनने के लिए जरूरी होती है।
3. ICC के अंपायर पैनल
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंपायरों को अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाता है:
- एलिट पैनल: यह सबसे अनुभवी अंपायर होते हैं और बड़े अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग करते हैं।
- इंटरनेशनल पैनल: इसमें वे अंपायर शामिल होते हैं, जो टेस्ट, वनडे और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में अंपायरिंग करते हैं।
- डेवलपमेंट पैनल: इसमें नए और उभरते हुए अंपायर होते हैं।
4. अंपायर बनने के लिए परीक्षा और ट्रेनिंग
- क्रिकेट बोर्ड द्वारा आयोजित अंपायरिंग कोर्स करना पड़ता है।
- लिखित परीक्षा और ऑन-फील्ड ट्रेनिंग पूरी करनी होती है।
- अंपायर को विभिन्न स्तरों पर अंपायरिंग का अनुभव दिया जाता है।
5. अंपायर की जिम्मेदारियां
- नो-बॉल, वाइड, आउट और अन्य निर्णय लेना।
- डीआरएस (Decision Review System) पर फैसले देना।
- मैच के दौरान खिलाड़ियों के व्यवहार पर नजर रखना।
क्रिकेट में अंपायर का चयन एक लंबी प्रक्रिया होती है, जिसमें योग्यता, अनुभव और प्रशिक्षण की अहम भूमिका होती है। एक कुशल अंपायर मैच को निष्पक्ष और रोमांचक बनाता है।
क्या आप क्रिकेट अंपायर बनने में रुचि रखते हैं? हमें कमेंट में बताएं!